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क्यों देखी जानी चाहिए फिल्म क्रिस्पी रिश्ते, पढ़ें पूरा Review, म्यूजिकल ड्रामा जियो सिनेमा पर है उपलब्ध

फ़िल्म समीक्षा : हिंदी फीचर फिल्म "क्रिस्पी रिश्ते"
लेखक निर्देशक ; जगत सिंह 
आर्टिस्ट्स : जगत सिंह, दिलजोत, मनमीत कौर,
रोनित कपिल, बृजेंद्र काला
प्रोड्यूसर : सागर श्रीवास्तव 
अवधि : 2 घंटे 12 मिनट
डिजिटल रिलीज़ : जियो सिनेमा
रेटिंग : 3 स्टार्स
 
डिजिटल सिनेमा के इस युग में जियो सिनेमा पर रिलीज हुई निर्माता सागर श्रीवास्तव की फ़िल्म "क्रिस्पी रिश्ते" जब मैंने देखी तो यह एक खूबसूरती से पेश की गई कहानी प्रतीत हुई जिसमें कला, संगीत, शायरी, संवाद, अदायगी और मनोरम लोकेशन का अद्भुत मिश्रण महसूस हुआ।
 
राइटर डायरेक्टर और ऎक्टर जगत सिंह की फीचर फिल्म "क्रिस्पी रिश्ते" प्यार, शादी के बंधन के कई पहलुओं को उजागर करती है। 
 
इस फ़िल्म की कहानी करण (जगत सिंह) की ज़िंदगी बयान करती है जो बड़ा कन्फ्यूज़्ड है। वह अपनी प्रेमिका नताशा (मनमीत कौर) से रिश्ता तोड़ कर अपने पिता की इच्छा के कारण मजबूर होकर अंजलि (दिलजोत) के साथ सात फेरे ले लेता है। अंजली अपनी सादगी से करण के दिल मे अपनी जगह बनाने की कोशिश करती है मगर करण को उससे कोई लगाव नहीं रहता क्योंकि उसका दिल अब भी नताशा के लिए धड़कता है। फ़िल्म में मोड़ तब आता है जब करण अंजली से कह देता है कि वह इस ज़बरदस्ती के विवाह में नहीं रहना चाहता। जब अंजलि को नताशा और करण के प्यार के बारे में पता चलता है तो वह दुःखी हो जाती है। ऐसी स्थिति में वह अपने भरोसेमंद दोस्त विनोद (रोनित कपिल) से राय लेती है। नाज़ुक रिश्तों, भरोसे की इस स्टोरी में इन चारों कैरेक्टर्स का क्या अंजाम होता है उसके लिए आपको फ़िल्म देखनी होगी।
 
अदाकारी की बात करें तो फिल्म में जगत सिंह का अभिनय उभर कर  सामने आता है। उन्होंने करण के किरदार को पूरी संजीदगी और तैयारी से जिया है। यह आसान किरदार नहीं था इसमें कई शेड्स हैं, कई परतें हैं। मगर जगत सिंह ने तमाम भावनाओ को बखूबी पर्दे पे पेश किया है। संभवतः इसकी वजह यह है कि उन्होंने कहानी लिखी है, वही निर्देशक हैं तो वह किरदार की मांग, सिचुएशन की डिमांड जानते थे। एक सीन में वह शराब पिए हुए हैं, उनका दिल टूटा हुआ है,  वह लड़खड़ा रहे हैं और अपनी आंखों से विनोद को बहुत कुछ कह देते हैं। वह अंजली का हाथ पकड़ कर विनोद की ओर देखते हुए और उंगली से वार्निंग देते हुए कहते हैं "यह अब भी मेरी पत्नी है।" तो जैसे कुछ सेकंड के उस सीन में जगत सिंह अपनी अभिनय क्षमता का सबूत पेश कर देते हैं। उन्होंने अपनी शारीरिक भाषा से हर फ्रेम में प्रभावित किया है। वहीं अंजली की भूमिका को दिलजोत ने बढ़िया ढंग से निभाया है। मनमीत कौर नताशा के रोल में बेहतर लगी हैं। 
 
क्रिस्पी रिश्ते का निर्देशन फर्स्ट टाइमर जगत सिंह ने किया है और क्या कमाल डायरेक्शन दिया है। चूंकि वह राज कपूर, यश चोपड़ा और फरहान अख्तर जैसे डायरेक्टर्स को अपना आदर्श मानते रहे हैं इसलिए उनकी इस फ़िल्म में जीवन की प्रतिदिन की सच्चाइयों को बड़े सहज और दिल को छूने वाले अंदाज़ में प्रस्तुत किया गया है। 
उन्होंने कलात्मक तरीके से फ़िल्म मेकिंग की है। उन्होंने जिस तरह दर्जन भर से अधिक गीतों को फ़िल्म की स्टोरी टेलिंग में पिरोया है यह जगत सिंह की विशेषता प्रतीत होती है। कम से कम उन्होंने कुछ नया करने का प्रयास तो किया है और इसके लिए वह बधाई के पात्र हैं। गीत संगीत को उन्होंने डायलॉग और बैकग्राउंड म्युज़िक की जगह बड़े ही कलात्मक ढंग से इस्तेमाल किया है।
 
और सबसे उल्लेखनीय बात यह है कि 15 गीतों में से एक गीत भी लिप-सिंक नहीं है। केके, श्रेया घोषाल, मोहित चौहान, पपॉन, साबरी ब्रदर्स, जुबिन नौटियाल, नक्काश अजीज, ऋचा शर्मा, अल्तमश फरीदी जैसी कुछ सुरीली आवाज़ें फ़िल्म को रिच बनाती हैं। 
 
ऐसी फिल्म को बनाने के लिए मेहनत, कलाकारों का सहयोग, निर्देशक का विज़न तो काम करता ही है लेकिन  निर्माता के योगदान को कैसे नकारा जा सकता है। प्रोड्यूसर सागर श्रीवास्तव वास्तव में शाबाशी के हकदार हैं कि उन्होंने ऐसे नए फ़िल्म मेकर की फ़िल्म को आर्थिक सपोर्ट पेश किया जिनके सहयोग के बिना इसका निर्माण सम्भव नहीं था। बिहार के मुजफ्फरपुर के मूल निवासी सागर श्रीवास्तव ने एक आउटसाइडर होते हुए भी फ़िल्म प्रोड्यूसर बनने का ख़्वाब देखा, तमाम चुनौतियों के बीच क्रिस्पी रिश्ते को बनाया और इसे जियो सिनेमा जैसे पॉपुलर प्लेटफार्म तक पहुंचाया, उनके हौसले को सलाम !! 
आप क्रिस्पी रिश्ते देखें निराश नहीं होंगे।
 
By Gaazi Moin
 


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