फिल्म- प्यारी तरावली द ट्रू स्टोरी
ऐक्टर्स- डॉली तोमर (प्यारी), रजनीश दुबे (लक्ष्मण), बॉबी वत्स (शकील खान)
लेखक एवं निर्देशक - रजनीश दुबे
बैनर - ओमशील प्रोडक्शन
रिलीज की तारीख - 27 अक्टूबर 2023
जॉनर- कॉमेडी ड्रामा रोमांस
निर्माता - कल्पना राजपूत, अमित गुप्ता, डॉली तोमर
सह-निर्माता- सय्यद रहमान, बलवंत पुरोहित, अमान अली
कार्यकारी निर्माता- खुर्रम सैयद
क्रिएटिव प्रोड्यूसर- सैयद हुसैन
बैकग्राउंड म्युज़िक- आमिर शेख
कोरियोग्राफर- रजनीश दुबे, धरम
म्युज़िक डायरेक्टर्स- आर. पी. सोनी, रजनीश दुबे, एस. कुमार
गीतकार- रजनीश दुबे, एस. कुमार, स्वर्गीय मनोरमा सिंह
डीओपी - पी. जॉन विजी
रेटिंग ; 4 स्टार्स
बॉलीवुड में अक्सर साहित्य और सिनेमा का मेल होते देखा गया है जो ब्लॉकबस्टर भी रहा है। कई उपन्यासों, साहित्यिक कृतियों पर सिनेमा जगत में बेहतरीन फिल्में बनी हैं। इस सप्ताह बड़े पर्दे पर रिलीज हुई फ़िल्म प्यारी तरावली भी प्रतिभाशाली लेखक रजनीश दुबे द्वारा लिखित प्रसिद्ध उपन्यास "प्यारी तरावली: द ट्रू स्टोरी" पर बेस्ड है। सिल्वर स्क्रीन पर इसे उतारने का श्रेय भी रजनीश दुबे को जाता है। चूंकि यह प्यारी कहानी पहले से ही बेशुमार पाठकों के दिलों में अपनी जगह बना चुकी है और अमेज़ॅन बेस्टसेलर का खिताब भी हासिल कर चुकी है, ऐसे मे इस फ़िल्म से मुझे काफी उम्मीदें थीं। जब मैं थिएटर में यह पिक्चर देखने बैठा तो इसका नरेशन स्टाइल मुझे भा गया और इसके बहाव में बहता चला गया। फ़िल्म देखते हुए कैसे 2 घण्टे 23 मिनट गुज़र गए पता ही नहीं चला और यह जादू था इसके जबरदस्त स्क्रीनप्ले, प्रभावी संवादों और बेहतरीन अदाकारी का।
हालांकि कागज़ से स्क्रीन तक पहुंचाने का काम आसान नहीं होता। लेकिन रजनीश दुबे बधाई के हकदार हैं कि उन्होंने साहित्य और सिनेमा दोनों का अद्भुत मिश्रण किया है। फ़िल्म देखकर एहसास होता है कि उनमें नए ढंग से कहानी कहने की कला है। सिनेमा और फ़िल्म मेकिंग के प्रति उनका समर्पण भाव हर शॉट में दिखाई देता है। उन्होंने न केवल अपने किरदार लक्ष्मण को जीवंत बना दिया है बल्कि अपनी कलम और निर्देशन क्षमता का सबूत दिया है।
बहुमुखी प्रतिभा के धनी रजनीश दुबे और प्रतिभाशाली डॉली तोमर की केमिस्ट्री पर्दे पर कमाल करती नजर आती है। प्यारी और लक्ष्मण के किरदारों को दोनों एक्टर्स ने बड़ी ही सहजता और ईमानदारी से निभाया है। स्टोरी को नरेट करने का उनका जुनून पिक्चर के हर पहलू में दिखता है।
दो बार अपनी शादी तोड़कर ससुराल से भागी प्यारी और गांव के एक साधारण से युवा लक्ष्मण की इस कहानी में इतने रोमांचक मोड़ आते हैं कि दर्शकों को अपनी सीटों से हिलने नहीं देती। फ़िल्म के सभी किरदारों का कहीं न कहीं कहानी में बड़ा योगदान है और इसे गढ़ने तथा इन्हें इस्टैब्लिश करने का हुनर लेखक निर्देशक को भलीभांति पता है।
इस असाधारण कहानी को उन्होंने बड़े पर्दे पर जीवंत कर दिया है। डॉली तोमर, रजनीश दुबे सहित "प्यारी तरावाली: द ट्रू स्टोरी" के सभी कलाकार और पूरी टीम वास्तव में हार्दिक शुभकामनाओं की हकदार है।
फ़िल्म का संगीत भी फ़िल्म को और रिच बनाता है। हर गीत में स्टोरी को आगे बढ़ाया गया है और सिचुएशन को गीत संगीत के माध्यम से ज़ाहिर किया गया है। बागी सा दिल है मेरा गीत बहुत ही बढ़िया है। ठगी रे ठगी बिग स्क्रीन पर देखने का अलग ही अनुभव होता है।
आपको यह फ़िल्म देखनी चाहिए और इस तरह के इंडिपेंडेंट सिनेमा को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। बिना किसी "स्टार" के, किसी बड़े प्रोडक्शन हाउस या स्टूडियो के सहयोग के बिना अगर यह फ़िल्म सराहनीय है, देखने लायक है तो ज़रूर ही इसमें कुछ बात तो है।
by Gaazi Moin