इंटरव्यू / एक्ट्रेस दिगंगना सूर्यवंशी
ऎक्ट्रेस दिगंगना सूर्यवंशी छोटे परदे और बड़े परदे पर काम करने के बाद अब एक और प्रोजेक्ट में नजर आएँगी. वह कई प्रोजेक्ट्स में नजर आ चुकी हैं और उनके कई अपकमिंग प्रोजेक्ट्स हैं. आने वाली पीरियड फिल्म ‘दी बैटल ऑफ भीमा कोरेगांव’ में अर्जुन रामपाल के साथ ऎक्ट्रेस दिगंगना सूर्यवंशी नजर आने वाली हैं। ऎक्ट्रेस दिगंगना सूर्यवंशी स्टार प्लस के धारावाहिक वीरा में वीरा का टाइटल रोल भी निभा चुकी हैं। उन्होंने बॉलीवुड में फ्राई डे और जलेबी जैसी कई फिल्में की हैं, साथ ही वह बिग बॉस में भी भाग ले चुकी हैं। साउथ की कई फिल्मों में भी उन्होंने अपनी अदाकारी का लोहा मनवाया है। अब ऎक्ट्रेस दिगंगना सूर्यवंशी दाऊडी ड्यूडस की फ़िल्म "डार्क पाथ" में मुख्य भूमिका कर रही हैं। इस फिल्म "डार्क पाथ" के लेखक निर्देशक सादिक इक़बाल और आबिद हुसैन, डीओपी श्रीकांत असती, एग्जेक्युटिव प्रोड्यूसर मनोज कुमार और क्रिएटिव हेड नितिन विचारे हैं। दाऊडी ड्यूडस फिल्म्स (Dowdy Dudes Films) प्राइवेट लिमिटेड के बैनर तले बनाई जा रही इस हिंदी फ़िल्म "डार्क पाथ" का पोस्टर लांच मुम्बई के एक फाइव स्टार होटल में एक शानदार इवेंट में किया गया तो यहाँ एक्ट्रेस दिगंगना सूर्यवंशी ने इस फिल्म, अपने किरदार के बारे में तो बताया ही, साथ ही यह भी बताया कि वह किस की बायोपिक में काम करना चाहती हैं.
सवाल: फ़िल्म "डार्क पाथ" को ऐक्सेप्ट करने की कोई खास वजह?
जवाब: देखिये, 'डार्क पाथ' ओटीटी के लिए मेरी पहली फिल्म है. मैं काफी दिनों से कुछ कंटेंट ओरिएंटेड फिल्म करना चाहती थी, खुशकिस्मती से मुझे यह मूवी मिल गई. इसकी स्क्रिप्ट बहुत अच्छी तरह से लिखी गई है. फिल्म से जुडी पूरी टीम बहुत अनुभवी और अच्छी है. सस्पेंस थ्रिलर फिल्मे मुझे खुद भी देखना पसंद है. दरअसल यह मेरी पहली महिला प्रधान फिल्म भी है जिसको लेकर मैं बहुत उत्साहित हूँ. इस फिल्म की शूटिंग इसी माह से शुरू होगी.
सवाल: इस फिल्म में आपका किरदार किस तरह का है?
जवाब: इस फिल्म में मेरा किरदार ग्रे शेड्स लिए हुए है. चूँकि यह एक सस्पेंस थ्रिलर फिल्म है और मैं अपने किरदार के बारे में बहुत कुछ नहीं बता सकती. कुछ राज़ रहने दें क्योंकि ऐसी फिल्मे मिस्ट्री के बिना मजा नहीं देती हैं. मेरा किरदार पॉजिटिव या निगेटिव नहीं है बल्कि ग्रे है, इसलिए मेरे कैरेक्टर से दर्शक प्यार भी नहीं कर सकते और नफरत भी नहीं कर सकते. यह फिल्म दरअसल इस बारे में है कि एक इन्सान के कितने शेड्स होते हैं. एक इन्सान कई तरह का रूप धारण कर सकता है, उसके कई चेहरे हो सकते हैं. मुझे लगता है कि हम सब में ऐसी दो तीन पर्सनालिटी होती है.
सवाल: आजकल ओटीटी पर दिखाए जा रहे कंटेंट के लिए भी सेंसर लगने की बातें हो रही हैं, इस बारे में आप क्या कहना चाहती हैं?
जवाब: देखिये, ओटीटी पर दिखाए जा रहे कंटेंट के लिए भी सेंसर होना चाहिए. क्योंकि इस प्लेटफोर्म को बच्चे भी अब एक्सेस करते हैं. ओटीटी आज के समय में बहुत बड़ा स्पेस और बहुत बड़ा मीडियम बन गया है लेकिन मुझे लगता है कि इसमें एक फ़िल्टर प्रोसेस भी जरुरी है. खुशकिस्मती से हमारी फिल्म में ऐसा कुछ नहीं है जिसको सेंसर को काट छांट करनी पड़े. मुझे लगता है कि फिल्म की कहानी अच्छी होनी चाहिए लोग देखते हैं. ओटीटी एक ऐसा प्लेटफोर्म बन गया है जहाँ बहुत सरे टैलेंटेड लोगों को काम मिल रहा है. मैं इस बदलाव को देखकर खुश हूँ.
सवाल: आप डार्क पाथ में महिला प्रधान रोल कर रही हैं, कितनी एक्साईटेड हैं?
जवाब: फिमेल सेंट्रिक फिल्मे करने का अपना ही एक मजा होता है. इस फिल्म में मेरा रोल काफी अलग है, इसमें कई लेयर्स हैं. इसमें एक्ट्रेस के तौर पर मुझे परफोर्मेस का काफी स्कोप है. यह एक ऐसी फिल्म है जिसकी कहानी मेरे किरदार से शूरु होती है और मेरे ही इर्दगिर्द घुमती है. मेरी मम्मी को भी इस फिल्म की कहानी बहुत अच्छी लगी. जब उन्होंने सुना कि मैं फर्स्ट फिमेल सेंट्रिक फिल्म करने जा रही हूँ तो मेरे पैरेंट्स काफी उत्साहित हो गए.
सवाल: आज महिलाएं हर क्षेत्र में आगे आ रही हैं, फिल्मों से लेकर स्पोर्ट्स तक में उनकी शिरकत बेहद अहम मानी जाने लगी है, इस बदलाव को आप कैसे देखती हैं?
जवाब: मेरे ख्याल से महिलाओं को आगे आने की बातें तो बहुत पहले हो जानी चाहिए मगर ठीक है देर आए दुरुस्त आए. मैं खुश हूँ. मुझे लगता है कि ऐसी कई कहानियां हैं जो फिमेल पॉइंट ऑफ़ व्यू से कही जा सकती हैं. हमारी पहले की फिल्मों में हिरोइन को वो पावर नहीं मिला, जितना आज मिल रहा है. मुझे लगता है कि यह स्टोरी के लेवल पर गड़बड़ है. मुझे लगता है कि कुछ ऐसी कहानियां होती हैं जो सिर्फ महिलाओं द्वारा कही जा सकती हैं. मैं बहुत खुश हूँ कि आज महिलाओं के रोल को सेंटर में रखकर फिल्मे लिखी जा रही हैं बनाई जा रही हैं और दर्शक देख भी रहे हैं.
सवाल: फिल्मो को एक्सेप्ट करने का आपका फार्मूला क्या है?
जवाब: मेरे पास जिन फिल्मों के ऑफर आते हैं मैं उन्हें इस तरह नहीं देखती कि इसमें मेरा रोल छोटा है या बड़ा? मैं बस यह देखती हूँ कि उस कहानी में मेरे किरदार की कितनी अहमियत है. और अगर मुझे लगता है कि मैं अपने उस रोल के साथ इंसाफ कर सकती हूँ तो मैं वो फिल्म कुबूल कर लेती हूँ.
सवाल: आजकल बहुत सारी बायोपिक बन रही हैं, अगर आपको किसी पर्सनालिटी की जिन्दगी परदे पर जीने का मौका मिले तो आप किस की बायोपिक करना चाहेंगी?
जवाब: मैं दरअसल मधुबाला जी की बायोपिक करना चाहती हूँ. यह मेरे दिल की ख्वाहिश है कि मैं उनका रोल परदे पर उतारूँ. मैं मधुबाला जी की बहुत बड़ी फैन हूँ. उनकी नज़ाकत, उनकी मासूमियत, उस दौर में उनका जो योगदान है, वो सब कमाल है. इतने वर्षं बाद भी हम उनकी मिसाल देते हैं इसलिए मधुबाला की भूमिका करना मेरे लिए गर्व की बात होगी.
by Gaazi Moin