मशहूर ऑडियोलॉजिस्ट देवांगी दलाल की गुजराती किताब જાગ્યા તયારથી સકારત્મકતા” Jagya Tyarathi Sakaratmakata का विमोचन मुम्बई में स्थित हियरिंग हार्ट्स क्लिनिक में हुआ तो यहां डॉ अनिल काशी मुरारका, एस्ट्रोलॉजर श्री गौरंग दास सहित कई मेहमान मौजूद थे।
देवांगी दलाल ने इस अवसर पर कहा कि उनकी पुस्तक ‘स्प्रेडिंग पॉज़िटिविटी’ अंग्रेजी में पहले ही प्रकाशित हो चुकी है और इस को गुजराती में “जग्या त्यारथी सकारात्मकता” कहते हैं, इसी नाम से गुजराती भाषा मे इस किताब को लांच किया गया है। इस किताब में कृष्ण जी की लीलाएँ बताई गई हैं, उनमें कैसे उन्होंने रास्ते निकाले हैं। इस कोरोना काल मे हम सब को वैसी ही साधना करनी है। हम लोगों के दर्द को समझें, उन्हें उनके पैरों पे खड़ा करें। इस किताब में मौजूद लगभग 70 लेखों में जागरूकता, सकरात्मकता और मोटिवेशन का जिक्र है। सकारात्मकता कैसे फैलाई जा सकती है, प्रेम, दया कैसे बांटी जा सकती है, यह इस किताब में लिखा है। जो लोग हताश निराश होकर ऐसा सोचते हैं कि वे कुछ नही कर पाएंगे यह किताब उनमें एक जागरूकता और एक सकारात्मकता पैदा करेगी। उन्होंने बताया कि आगे वह हिंदी और मराठी में भी यह किताब लाने की कोशिश करेंगी।
अनिल काशी मुरारका ने बताया कि देवांगी दलाल की यह किताब एक वंडरफुल थॉट है। देवांगी खुद सकारात्मकता फैलाने वाली एक ऐसी महिला हैं, जिनसे बहुत कुछ सीखा जा सकता है। जीवन दरअसल प्रेम और सकारात्मकता फैलाने का ही नाम है। और यही काम देवांगी जी कर रही हैं। उनकी किताब असाधारण है।
देवांगी दलाल ने बताया कि हमने ट्रस्ट जोश 2004 से शुरू किया और आजतक लगभग 1500 बहरे बच्चों को कान की मशीन देकर हेल्प की है। काफी सारे बच्चे अपने पैरों पे खड़े हुए हैं, आज इंटीरियर डिजाइनर, आर्किटेक्ट, चार्टर्ड अकाउंटेंट सहित कई क्षेत्र में काम कर रहे हैं। आपको नही लगेगा कि वे बहरे हैं बल्कि वह नार्मल इंसान की तरह बातचीत कर सकते हैं। यह बच्चे बचपन से सारी चुनौतियों का सामना करते हुए जब जीवन मे इतना आगे बढ़ सकते हैं तो हम लोग तो नार्मल हैं। अगर हम अपनी क्षमताओं का सही इस्तेमाल करके और सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़े तो दुनिया मे बहुत कुछ कर सकते हैं। इस किताब का मकसद यह है कि लोग नकारत्मक ख्यालों से निकल कर सकारात्मक सोच की तरफ आगे बढ़े। अब तक मैं 102 लेख लिख चुकी हूं, आगे भी लिखती रहूंगी। मेरी प्रेरणा लॉर्ड कृष्णा हैं, उनकी लीलाएँ हैं। मुझे भागवतगीता का पाठन करना अच्छा लगता है। मेरे मम्मी पापा भी कृष्ण जी के भक्त हैं।
आपको बता दें कि देवांगी दलाल, एक ऑडियोलॉजिस्ट और स्पीच थेरेपिस्ट होने के अलावा जोश फाउंडेशन की सह-संस्थापक भी हैं, उनकी पुस्तक “स्प्रेडिंग पॉज़िटिविटी” उनके 30 साल के अनुभव पर बेस्ड है।
देवांगी दलाल का मानना है कि दयालुता की खूबसूरती को समझने की जरूरत है। “जग्या त्यारथी सकारात्मकता” किताब लोगों के दिमाग और जीवन को आराम से सेट करने का एक प्रयास है और इस के द्वारा लापता सकारात्मक ऊर्जा को वापस लाया जा सकता है। देवांगी दलाल आगे कहती हैं, “सकारात्मकता हमें सही दिशा में ले जाती है। हमारा विश्वास, हमारी आध्यात्मिकता, और भगवान पे भरोसा हमें पॉजिटिविटी का सही अर्थ खोजने के लिए प्रोत्साहित करता है और हमारे चारों ओर सकारात्मक वाइब्स फैलती हुई महसूस होती है।''
उन्होंने मुंबई में जोश फाउंडेशन की स्थापना की ताकि दिव्यांग बच्चों को सुनने के मामले में सशक्त बनाया जा सके।
by Gaazi Moin